भारत में बढ़ती बिजली की कीमतों और स्पेस की कमी ने Solar Panel on Wall टेक्नोलॉजी को पॉपुलर बना दिया है। यह नई तकनीक उन लोगों के लिए वरदान है, जिनके पास छत नहीं है या वे अपने घर की एस्टेटिक्स खराब किए बिना सोलर एनर्जी चाहते हैं। चलिए, जानते हैं कैसे दीवार पर लगे सोलर पैनल आपके बिजली बिल को जीरो कर सकते हैं।
दीवार पर सोलर पैनल के 5 बड़े फायदे
- छत की जरूरत नहीं: फ्लैट्स, ऑफिस, या छोटे घरों में भी लगाए जा सकते हैं।
- डबल यूटिलिटी: दीवारें सूरज की रोशनी से बिजली बनाने के साथ इन्सुलेशन भी देती हैं।
- आधुनिक डिज़ाइन: पारदर्शी और रंगीन पैनल्स से घर की खूबसूरती बढ़ाएँ।
- कम स्पेस, ज्यादा पावर: वर्टिकल इंस्टालेशन से 30% तक अधिक एनर्जी जनरेशन।
- सरकारी सब्सिडी: PM सूर्य घर योजना के तहत 40% तक अनुदान।
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“मेरे 2BHK फ्लैट ने कैसे काटा ₹0 बिजली बिल?”
मुंबई के रहने वाले राजीव शर्मा बताते हैं: “मैंने अपने बालकनी की दीवार पर 3kW के पारदर्शी सोलर पैनल लगवाए। महीने की 320 यूनिट बिजली पैदा होती है, जिससे AC और गीजर चलता है। सरकार ने ₹48,000 की सब्सिडी भी दी!”
Solar Panel on Wall कैसे काम करता है?
- वर्टिकल एंगल: दीवार पर 90 डिग्री के कोण पर लगे पैनल सुबह-शाम की रोशनी बेहतर कैप्चर करते हैं।
- बायफेशियल पैनल्स: आगे-पीछे दोनों साइड से बिजली बनाते हैं, जो छत वाले पैनल्स से 20% ज्यादा एफिशिएंट हैं।
- हाइब्रिड सिस्टम: ग्रिड से कनेक्ट करके एक्स्ट्रा बिजली बेच सकते हैं।
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भारत में टॉप 5 Solar Panel on Wall टेक्नोलॉजी
- ग्लास-ग्लास पैनल्स: 30 साल वारंटी के साथ बेहद टिकाऊ।
- सोलर पेंट: दीवारों पर पेंट करें और बिजली पाएं (अभी ट्रायल स्टेज में)।
- फ्लेक्सिबल पैनल्स: कर्व्ड वॉल्स पर भी फिट हो जाते हैं।
- स्मार्ट टाइल्स: दिखने में सामान्य टाइल्स, असल में सोलर पैनल।
- विंडो इंटीग्रेटेड: खिड़कियों की दीवार में लगे ट्रांसपेरेंट पैनल।
लागत और सब्सिडी (2025 Update)
सिस्टम कैपेसिटी | औसत लागत (सब्सिडी से पहले) | सब्सिडी के बाद लागत |
---|---|---|
1 kW | ₹55,000 | ₹33,000 |
3 kW | ₹1,65,000 | ₹99,000 |
5 kW | ₹2,75,000 | ₹1,65,000 |
सब्सिडी: केंद्र सरकार 40% तक (अधिकतम ₹30,000 प्रति kW)
दीवार पर सोलर पैनल लगाने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया
- साइट ऑडिट: कंपनी का इंजीनियर घर आकर दीवार की दिशा और सनलाइट चेक करेगा।
- डिज़ाइन सेलेक्शन: पैनल टाइप (ग्लास, फ्लेक्सिबल, पेंट) और कलर चुनें।
- परमिशन: सोसाइटी/म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन से NOC लें।
- इंस्टालेशन: 2-3 दिन में पैनल लग जाएंगे।
- सब्सिडी के लिए आवेदन: सूर्य घर योजना पोर्टल पर फॉर्म जमा करें।
रखरखाव के टिप्स
- रोजाना: सॉफ्ट कपड़े से पैनल साफ करें।
- महीने में एक बार: वायरिंग और इन्वर्टर चेक करवाएँ।
- सालाना: प्रोफेशनल से पैनल एफिशिएंसी टेस्ट कराएँ।
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सावधानी:
- सस्ते पैनल्स न खरीदें – BIS सर्टिफाइड प्रोडक्ट्स ही लें।
- इंस्टालेशन से पहले सोसाइटी के नियम चेक कर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
क्या दीवार के पैनल बारिश में खराब होते हैं?
नहीं! सभी पैनल्स IP67 वाटरप्रूफ रेटिंग के साथ आते हैं।
कितनी दीवार की जगह चाहिए?
1 kW सिस्टम के लिए 60 sq.ft (लगभग 6×10 फुट) जगह पर्याप्त।
क्या यह टेक्नोलॉजी पूरे भारत में उपलब्ध है?
जी हाँ! टाटा सोलर, विक्रम सोलर जैसी कंपनियाँ पैनल्स इंस्टॉल करती हैं।

में नरेश कुमार एक लेखक हु , में जनरल समाचार और अन्य समाचारों को लिखता हु , लेखन कार्य के अंदर मेरा 2 वर्ष का अनुभव है |