गुरुग्राम में राष्ट्रीय स्तर की टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव (25) की हत्या का मामला पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद नए मोड़ पर पहुंच गया है। शनिवार को सामने आई रिपोर्ट के मुताबिक, राधिका के सीने में सामने से चार गोलियां मारी गईं। यह खुलासा आरोपी पिता सुभाष यादव के बयान से सीधे विपरीत है, जिन्होंने पुलिस को बताया था कि उन्होंने पीछे से गोलियां चलाई थीं।
फॉरेंसिक विरोधाभास ने बढ़ाई पेचीदगी
• पोस्टमॉर्टम: सभी गोलियां सीने के सामने वाले हिस्से में लगी (सरकारी अस्पताल बोर्ड के डॉ. दीपक माथुर की रिपोर्ट)।
• आरोपी का दावा: “मैंने पीछे से गोली मारी।”
इस विसंगति ने सवाल खड़े किए हैं: क्या पिता अकेले हत्यारे थे? क्या उन्होंने सच छुपाया? गोलियों की बैलिस्टिक जांच अब मामले की कुंजी बन गई है।
मकसद का पसरा रहस्य
शुरुआती दावों के मुताबिक, पिता राधिका के सोशल मीडिया रील्स और म्यूजिक वीडियो से नाराज थे। बाद में एक नया कारण सामने आया: समाज के लोग उन पर “बेटी की कमाई खाने” का ताना देते थे। लेकिन यह थ्योरी भी तार्किक नहीं बैठती:
• सुभाष यादव 17 लाख रुपये मासिक किराया कमाते थे।
• उनके पास करोड़ों की संपत्ति थी (कई प्रॉपर्टीज के मालिक)।
• राधिका को उन्होंने महंगा टेनिस रैकेट गिफ्ट किया था।
सवाल: क्या वाकई तानों ने हत्या करवाई, या कोई और राज छिपा है?
राधिका का अधूरा सफर
चोटिल कंधे ने उनका प्रो टेनिस करियर छीन लिया, लेकिन उन्होंने बच्चों की टेनिस अकादमी खोलकर नई राह बनाई। सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी और एक म्यूजिक वीडियो में दिखना पिता को “पारंपरिक सोच” के कारण नागवार गुजरता था। पुलिस अब रिश्ते में आई दरार के वित्तीय या व्यक्तिगत कारणों की भी जांच कर रही है।
आगे की राह
पुलिस अब तीन मोर्चों पर काम कर रही है:
- गोलियों की बैलिस्टिक रिपोर्ट का इंतजार।
- पिता के कबूलनामे की सच्चाई की पड़ताल।
- परिवार के आंतरिक कलह के अनछुए पहलुओं की खोज।
हत्या के बाद “तानों” वाले सिद्धांत में दिखा झोल अब इस मामले को सामाजिक बहस के साथ-साथ जटिल आपराधिक पहेली बना चुका है।
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