दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एक बार फिर भूकंप के झटकों से थर्रा उठा। शनिवार को महसूस किए गए इन झटकों ने दिल्ली, गुड़गांव, नोएडा और हरियाणा के विभिन्न जिलों के निवासियों को हिलाकर रख दिया। रिक्टर पैमाने पर इस भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। हालांकि तीव्रता कम होने के कारण अधिकांश स्थानों पर झटके हल्के महसूस हुए और अभी तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
यह घटना इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इससे ठीक एक दिन पहले, बृहस्पतिवार को भी इसी क्षेत्र में 4.4 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। पिछली बार भी भूकंप का केंद्र झज्जर जिले में ही था, जो दिल्ली से 51 किलोमीटर पश्चिमोत्तर दिशा में स्थित है। उस समय भूकंप के प्रभाव केवल दिल्ली-एनसीआर तक ही सीमित नहीं थे बल्कि हरियाणा के रोहतक, पानीपत, हिसार और उत्तर प्रदेश के मेरठ जैसे शहरों में भी महसूस किए गए थे। गुरुग्राम और नोएडा जैसे आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में लोगों ने झटकों के कारण दहशत में घरों से बाहर निकलकर खुले स्थानों पर शरण ली थी। कई लोग इतनी जल्दबाजी में भागे कि वे नंगे पैर ही सड़कों पर आ गए।
विशेषज्ञों का मानना है कि हाल के दिनों में झज्जर और उसके आसपास के क्षेत्रों में भूकंपीय गतिविधियों में वृद्धि हुई है। हालांकि दोनों ही घटनाओं में भूकंप की गहराई 10 किलोमीटर रही, जिसके कारण सतह पर इसका प्रभाव सीमित रहा। भूकंप विज्ञान केंद्र ने स्पष्ट किया है कि रिक्टर स्केल पर 4.0 से कम तीव्रता के भूकंप आमतौर पर मामूली श्रेणी में आते हैं और इनसे बड़े पैमाने पर नुकसान की आशंका कम होती है। फिर भी, लगातार दो दिनों में भूकंप के झटके आने से स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल है। अधिकारियों ने लोगों से घबराने के बजाय सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। क्षेत्र में भूकंपीय निगरानी तंत्र को और सक्रिय कर दिया गया है ताकि किसी भी संभावित खतरे की पूर्व सूचना दी जा सके।
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