फ्रांस के अरबपति और आध्यात्मिक नेता जो की अपने आप को पैगंबर मोहम्मद के वंश के रूप में जोड़ते हैं एवं इस्माइली मुसलमान के 49वे वंशानुगत नेता आगा खान का 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया है उनके निधन की खबर उनकी चैरिटी द्वारा जो की आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क के नाम से हैं उन्होंने घोषणा की है की आगा खान का 28 वर्ष की आयु में निधन हो चुका है|
उन्होंने बताया कि पुर्तगाल के लिस्बन के अंदर उनके परिवार की मोजुदगी में उनका शांतिपूर्वक निधन हो चुका है यह खबर उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से एक बयान में जारी की है|
स्वीटजरलैंड में जन्मे आगा खान जो की डांस के एक महल में रहते थे और उनके पास ब्रिटिश नागरिकता थी आपको बता दे कि वह एक अरबपति परोपकारी और आध्यात्मिक व्यक्ति थे जिन्होंने कई चैरिटी संस्थाओं की स्थापना की है और आगा खान की चैरिटी संस्थाओं में सबसे ज्यादा अस्पताल, शिक्षा और संस्कृति के क्षेत्र के अंतर्गत उन्होंने चैरिटी की है जिसमें से अधिकतर उन्होंने विकासशील देशों के अंदर की है वह अपने वंश को सीधे पर पैगंबर मोहम्मद से जोड़ते हैं |

बीबीसी न्यूज़ के मुताबिक राजा चार्ल्स तृतीया को आगा खान की मृत्यु के बारे में बता दिया गया है जो उनके और उनकी मां, दिवंगत महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के मित्र बताई जा रहे है, राजा अपने मित्र की मृत्यु होने पर दुख में दुखी हैं तथा वह लगातार उनके परिवार के संपर्क में बताई जा रहे हैं |
आगा खान अपने अनेक व्यवसाय से जुड़े हुए थे फोर्ब्स पत्रिका में 2008 में उनकी अनुमानित संपत्ति एक बीलियन डॉलर बताए थे वह अपने व्यवसाय के अंतर्गत है घोड़े पालन के व्यवसाय से मुख्य रूप से जुड़े हुए थे उनके पास एक बेहतरीन घोड़ा था जो की शेरगढर नस्ल का घोड़ा था और यह घोड़ा एक समय में दुनिया में प्रचलित और बहुत ही मूल्यवान घोड़ा बताया जा रहा है , यह घोड़ा दुनिया में सबसे प्रचलित था बताया जा रहा है ब्रिटेन, फ्रांस आईलैंड में जो रेस के घोड़े होते हैं उनके अग्रणी मलिक थे इसी के साथ है उनके पास एक अंदर शानदार जीवन शैली का आनंद लेते थे|
आपको बता दे इस्माइली मुसलमानो का दुनिया भर में करीब 15 मिलियन से ज्यादा आबादी है15 मिलियन में से 5 लाख सिर्फ पाकिस्तान के अंदर ईस्माइली मुसलमान पाए जाते हैं और दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग आबादी रहती है जिसमें की बढ़ि आबादी में भारत अफगानिस्तान और अफ्रीका के अंदर रहते है हैं राजकुमार करीम आगा खान इस्माइली मुसलमान के इमाम 1957 के अंदर बने थे जब उनकी उम्र 20 वर्ष थी क्योंकि वह अपने दादा के बाद सभी इस्माइली मुसलमान के इमाम बने थे|
बताया जा रहे हैं कि दिल्ली में स्थित हुमायूं मकबरा के जीर्णोद्वार में आगा खान की महत्वपूर्ण भूमिका रही है इसलिए उनको हर वर्ष वास्तु कला के लिए कर पुरस्कार दिया जाता है| आगा खान मीडिया से जुड़े हुए व्यक्ति रहे हैं उन्होंने नेशन मीडिया जो की एक मीडिया ग्रुप है उनकी स्थापना की है और यह ग्रुप पूर्वी और मध्य अफ्रीका के अंदर सबसे बड़ा मीडिया ग्रुप बताया जा रहा है |
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